जीतना ( जीना ) मुश्किल है और हारना ( मरना ) आसान ,
खेल ( जिंदगी ) में जो बिना दिल से खेले ही हार जाए
क्या उसे कहते है - इंसान ?
नहीं , जो जीत कर हार जाए , वो है - इंसान
( जिंदगी जी कर मरना )
और , जो हार कर भी जीत जाए , वो है - भगवान्
( मर कर अमर हो जाना )
तो जियो जी भर के , जियो खुल के कुछ इस तरह से
की मौत हार जाए और हम इस अमूल्य जीवन में
स्वयं ही नहीं संपूर्ण सृष्टि की भलाई के लिए कुछ ,
थोडा सा ... उल्लेखनीय , यादगार , अनुपम काम कर ,.
जी भर के जी जाए , खुल के जी जाए और दूसरों के
लिए .................... बन जाए
COPYRIGHT- दिलीप काला 'अजनबी' 2010